Holy Books

15 July 2020

बाँलिवुड से हानिया


बाँलिवुड से नुकसान 

आज के जमाने मे बाँलिवुड का इतना कहर है कि जितना करोना वाईरस का भी नही है बाँलिवुड ने इतना लोगो को बिगाड रखा है जिस कारण से आज सभी अपनी संस्कृति को भी भुल गये हैं। बाँलिवुड के लोग इतने बिगड़ गये है कि अपने माँ बाप का भी सम्मान करना भुल गये हैं छोटे बडे़ का आदर संस्कार करना भी नही आता है इस बाँलिवुड की वजह से बहन बेटियो को बहुत सारी परेशानीयों को सामना करना पड़ता है। जानकारी के मुख्य पोइंट टपढे़ :-



01. इस बाँलिवुड की फिल्मो के कारण अपने हिन्दुस्तान बालत्कार बड गये। 

02. इस बाँलिवुड के कारण लोग माँ बाप को अनार्थ आलय छोडने लगे हैं। 

03. इस बाँलिवुड़ के कारण जात पात व ऊच निच मैं भेद भाव होने लगा है। 

04. बाँलिवुड के कारण मर्डर गैग रेप बहुत ही ज्यादा होने लगे है। 

05. इस बाँलिवुड के लड़किया बिकनियो में गुमते है 

06. इस बाँलिवुड के कारण बेकार के गानो के साथ डांनसिग करना ओर कल्बो मे जाना। 



बाँलिवुड के ऐसे बहुत हि समस्या जिससे समाज बहुत ही बिगड़ गया है। 

इन सभी समस्याओं के हल के जगत गुरु तत्वदर्शी सन्त रामपाल जी महाराज जी के सत्संग सुने शाम को 7.30 से 8.30 बजे तक साधना चैनल देखिए।


www.saintrampalji.org

 

08 July 2020

मोबाइल से लाभ व नुकसान

अगर आप किसी से मोबाइल फोन से होने वाले फायदों के बारे में पूछेंगे तो वो शायद ढेरों फायदे आपको गिना देगा लेकिन इससे होने वाले नुकसान के बारे में कुछ ही लोग बता पाएंगे। मोबाइल फोन आज हर वर्ग की जरूरत बन चुका है फिर वो चाहे साइकिल से चलने वाला एक आम आदमी हो या फिर महंगी कार से चलने वाला कोई बिजनेसमैन।


ऐसे में हमें मोबाइल फोन से जहां ढेरों फायदे होते हैं वैसे ही कई नुकसान भी है। इसके अलावा ये उस व्‍यक्ति के प्रयोग पर भी निर्भर करता है कि उसके लिए फोन सिर्फ कॉल करने का एक साधन है

आज के दौर में मोबाइल फोन हमारे जीवन में एक अहम भुमिका है अमीर हो गरीब सभी मोबाइल फोन से जुडे है। अभी किसी के पास मोबाइल नही हो यह ढूँढना बहुत मुश्किल है ।


मोबाइल फोन से होने वाले लाभ

01. मोबाइल फोन से आप कही पर भी किसी भी समय सम्पूक कर सकते हैं। 

02. आप अपने मनोरंजन के लिए गाने सुन सकते हैं गैम खैल सकते है। सिरियल, कार्टुन, फिल्म अन्य बहुत मोबाइल में देखें सकते हैं। 

03. आप अपने मोबाइल मे फोटो खिच सकते हैं तथा विडीयो भी बना सकते हैं। 

04. आप अपने मोबाइल मे Facebook, Whats app, tiktok, twitter, Instagram, Charechat, Hell, अन्य बहुत प्रकार कि ऐप्स डाउनलोड कर सकते हैं और चला सकते हैं। 

05. आप मोबाइल के जरिये किसी भी स्थान पर GPS के द्वारा जा सकते हैं। 

06. मोबाइल फोन मे Xender तथा Bluetoothके द्वारा कैसी विडियो फाइल ऐप्स गेम सेन्ड कर सकते है। 

07. आप मोबाइल में इन्टरनेट भी चला सकते हैं। 

08. आप अपने मोबाइल को आराम अपनी पोकेट मे भी रख सकते हो। 

09. आप मोबाइल फोन में कलेन्डर, कैलकुलेटर, अर्लाम नोट बुक तथा टाईमर कि सुविधा भी मिल जाती है। 

10. मोबाइल फोन आपके व्यापार बढा़ने मे भी काम आता है। 


मोबाइल से होने वाले नुकसान 


मोबाइल फोन से निकलने वाले विकिरण आपकी सेहत को कई तरह से नुकसान पहुंचाने में सक्षम है। इतना ही नहीं यह आपको कई तरह की बीमारियों को शि‍कार बना सकता है। जानिए इसके अधि‍क प्रयोग से होती है कौन से नुकसान


01. मोबाइल फोन के रेडिएशन से उत्पन्न खतरों में सबसे बड़ा खतरा है कैंसर। अगर आप अपने मोबाइल फोन को पूरा दिन अपनी जेब में या शरीर से चिकाकर रखते हैं तो संबंधि‍त स्थान पर ट्यूमर होने की आशंका बढ़ जाती है और आप आसानी से कैंसर के शि‍कार हो सकते हैं।

02. रात के समय मोबाइल फोन को शरीर से सटाकर या सीने पर रखकर सोने की आदत है तो यह आदत आपके लिए बेहद खतरनाक ही नहीं जानलेवा भी हो सकती है। इसके अलावा इसके रेडिएशन का प्रभाव आपके मस्तिष्क पर भी नकारात्मक पड़ता है।

03. मोबाइल फोन से निकलने वाले इलेक्ट्रोमेगनेटिक विकिरणों से आपका डीएनए तक क्षतिग्रस्त हो सकता है। इसके अलावा इसका अधि‍क इस्तेमाल आपको मानसिक रोगी भी बना सकता है।

04. तनाव और डि‍प्रेशन के कारणों में एक प्रमुख कारण मोबाइल फोन से निकलने वाले रेडिएशन के खतरनाक प्रभाव भी हैं। यह आपके दिमाग की कोशि‍काओं को संकुचित करती हैं, जिससे ब्रेन में ऑक्सीजन की सही मात्रा नहीं पहुंच पाती।

05. गर्भवती महलाओं द्वारा मोबाइल फोन का अधि‍क इस्तेमाल, गर्भस्थ शि‍शु को प्रभावित कर सकता है। इससे शि‍शु के दिमाग पर नकारात्मक असर पड़ सकता है जिससे उसका विकास प्रभावित होता है।


06. मोबाइल फोन का जरूरी और सीमि‍त इस्तेमाल ही इलेक्ट्रोमेगनेटि‍क विकिरणों के दुष्प्रभाव को कम कर सकता है। इसके अलावा इसे अपने शरीर से सटाकर न रखते हुए, पर्स में या फिर अन्य स्थान पर रखना ज्यादा सही होगा।



इस मानव जीवन में होने वाली भयकर बिमारीया जैसै :- Cancer, Aids, Tb, BladCancer, Covid 19, इन भयानक बिमारियो से बचने के जगतगुरू तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी से नाम उपदेश लेकर अपना और अपने परवार का कल्याण कराये। 

अधिक जानकारी के लिए साधना चैनल देखिए शाम को 7.30 से 8.30 बजे तक। 


हमारी वेबसाइट है। 

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01 July 2020

पर्यावरण के फायदे

पर्यावरण से होने वाले फायदे 

हमारे चारों ओर जो कुछ है तथा चारों ओर से हमें घेरे हुएं हैं उसे हम पर्यावरण से संदर्भित करते हैं। इसमें जैविक, अजैविक, प्राकृतिक तथा मानव निर्मित वस्तु आते हैं। प्राकृतिक पर्यावरण में पेड़, झाड़ियाँ, बगीचा, नदी, झील, हवा इत्यादि शामिल हैं। प्रचीन मानव प्रकृति के समीप निवास करते थे, इस कारणवश वह स्वस्थ रहते और ज्यादा दिन तक जीवित रहते थे। परन्तु आज हमारे चारों ओर कृत्रिम (बनावटी) वातावरण हैं, जिसका निर्माण हमनें स्वयं के लिए किया है, - इमारतें, वातानुकूलित कमरें, सड़के, शौपिंग कॉम्पेक्स, वाहन, जानलेवा गैस, धूल इत्यादि

पर्यावरण में वह सभी प्राकृतिक संसाधन शामिल है जो कई तरीकों से हमारी मदद करते हैं तथा चारों ओर से हमें घेरे हुएं हैं। यह हमें बढ़ने तथा विकसित होने का बेहतर माध्यम देता है, यह हमें वह सब कुछ प्रदान करता है जो इस ग्रह पर जीवन यापन करने हेतु आवश्यक है।

हमारा पर्यावरण भी हमसे कुछ मदद की अपेक्षा रखता है जिससे की हमारा लालन पालन हो, हमारा जीवन बने रहे और कभी नष्ट न हो। तकनीकी आपदा के वजह से दिन-प्रतिदिन हम प्राकृतिक तत्व को अस्वीकार रहे हैं।


धरती पर रहने वाले सभी व्यक्ति द्वारा उठाए गए छोटे कदमों के माध्यम से हम बहुत ही आसान तरीके से पर्यावरण को सुरक्षित कर सकते हैं। हमें अपशिष्ट की मात्रा में कमी करना चाहिए तथा अपशिष्ट पदार्थ को वही फेकना चाहिए जहां उसका स्थान है। प्लास्टिक बैंग का उपयोग नही करना चाहिए तथा कुछ पुराने चीजों को फेकने के बजाय नये तरीके से उनका उपयोग करना चाहिए।

24 June 2020

Jagannath_Lord


*जगन्नाथ मन्दिर का अनसुना रहस्य।*

आखिर क्यो समुन्द्र बार बार जगन्नाथ मन्दिर तोडने की कोशिश कर रहा था?


*जगन्नाथ मंदिर रहस्य।*

इस रथयात्रा पर जानिए जगन्नाथ के मंदिर की मूर्तियों के हाथों और पैरो के पंजे क्यों नही है ?


*रथयात्रा 2020 विशेष*

रथयात्रा 2020 पर जानिए जगन्नाथ मन्दिर के पास एक चबुतरा क्यों बनवाया गया?
जिसे आज कबीर मठ के नाम से जाना जाता है।

रथयात्रा 2020 विशेष
जगन्नाथ मंदिर के पास एक चबूतरा बनवाया गया था जिसे आज कबीर मठ के नाम से जाना जाता है। वहीं पर बैठकर कबीर परमात्मा ने समुद्र को जगन्नाथ मंदिर तोड़ने से बचाया था।

त्रिलोकीनाथ ब्रह्मा, विष्णु, महेश के पिता ज्योति निरंजन ने परमात्मा कबीर जी से कलयुग में जगन्नाथ मंदिर बनवाने का वचन लिया था।
परमात्मा कबीर जी ने ही समुद्र को रोककर मंदिर बनवाया था।

जगन्नाथ का मंदिर समुद्र द्वारा बार बार नष्ट करने के कारण इन्द्रदमन राजा का खजाना खत्म हो गया था। अंतिम बार रानी के गहने बेचकर बेचकर मन्दिर का निर्माण किया। लेकिन परमात्मा कबीर जी ने ही समुद्र को मन्दिर तोड़ने से बचाया था।


  
जगन्नाथ की पूजा करना शास्त्र विरुद्ध साधना है
जगन्नाथ के दर्शन मात्र या खिचड़ी प्रसाद खाने मात्र से कोई लाभ नहीं है क्योंकि यह क्रिया गीता जी में वर्णित न होने से शास्त्र विरुद्ध है जिसका प्रमाण गीता अध्याय 16 मंत्र 23, 24 में है। गीता जी में बताई गई साधना से ही मोक्ष संभव है।

एक बार  कबीर परमेश्वर जी वीर सिंह बघेल के दरबार में चर्चा कर रहे थे। अचानक से परमात्मा ने खड़ा होकर अपने लोटे का जल अपने पैर के ऊपर डालना प्रारम्भ कर दिया। सिकंदर ने पूछा प्रभु! यह क्या किया, कारण बताईये। कबीर जी ने कहा कि पुरी में जगन्नाथ के मन्दिर में एक रामसहाय नाम का पाण्डा पुजारी है। वह भगवान का खिचड़ी प्रसाद बना रहा था। उसके पैर के ऊपर गर्म खिचड़ी गिर गई। यह बर्फ जैसा जल उसके जले हुए पैर पर डाला है, उसके जीवन की रक्षा की है अन्यथा वह मर जाता।


जगन्नाथ मंदिर रहस्य

जगन्नाथ मंदिर में मूर्तिपूजा नहीं होती है, मूर्तियां केवल दर्शनार्थ रखी गई हैं। और हिंदुस्तान का जगन्नाथ मंदिर ही एक ऐसा मंदिर है जिसमें किसी भी प्रकार की छुआछात नहीं होती है।

पवित्र यादगारें आदरणीय हैं, परन्तु आत्म कल्याण तो
केवल पवित्र गीता जी व पवित्रा वेदों में वर्णित तथा परमेश्वर कबीर जी द्वारा दिए तत्वज्ञान के अनुसार भक्ति साधना करने मात्र से ही सम्भव है, अन्यथा शास्त्र विरुद्ध होने से मानव जीवन व्यर्थ हो जाएगा।

पवित्र सतग्रंथों के अनुसार असली जगन्नाथ भगवान कबीर जी ही हैं जिनकी भक्ति करने से हमें पूर्ण मोक्ष मिलेगा।


अधिक जानकारी के लिए ईश्वर चैनल देखिए शाम को 8.30 से 9.30 बजे तक। 


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10 June 2020

Lord Is Kabir In The Bible

बाइबल मैं भी इस्पट है कि पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी है। 

ईसा मसीह की मृत्यु के तीसरे दिन स्वयं पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब ही आये थे भक्ति की लाज रखने के लिए। अन्यथा काल ब्रह्म भगवान से विश्वास ही उठा देता लोगों का।


पूर्ण परमात्मा जन्म मृत्यु से परे है, वह न तो माँ के गर्भ से जन्म लेता न ही उसकी मृत्यु होती है। ईसा मसीह जैसी पवित्र आत्मा की भी दर्दनाक मृत्यु हुई। फिर आम इंसान का कैसे बचाव हो सकता है। केवल पूर्ण परमात्मा कबीर जी ही अवविनाशी हैं, मोक्षदायक प्रभु हैं।


पवित्र बाईबल (उत्पत्ति ग्रन्थ) से सिद्ध होता है कि परमात्मा मानव सदृश शरीर में है, जिसने छः दिन में सर्व सृष्टी की रचना की तथा फिर विश्राम किया।


पवित्र बाइबिल (उत्पत्ति ग्रंथ) में लिखा है कि परमेश्वर ने मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार उत्पन्न किया। इससे सिद्ध है कि प्रभु भी मनुष्य जैसे शरीर युक्त है तथा छः दिन में सृष्टी रचना करके सातवें दिन तख्त पर जा विराजा।


पवित्र बाईबल के उत्पत्ति ग्रंथ पृष्ठ 1 से 3 में लिखा है कि परमेश्वर ने 6 दिन में सृष्टि की सातवें दिन सिंहासन पर विराजमान हो गए। फिर आगे बाईबल में काल का जाल शुरू हो गया और सबको काल ने अपने जाल में फंसाने के लिए परमेश्वर के ज्ञान में मिलावट कर दी।

पवित्र बाइबल में भगवान का नाम कबीर है - अय्यूब 36:5। यहां स्पष्ट है की कबीर ही शक्तिशाली परमात्मा है


अय्यूब 36:5 (और्थोडौक्स यहूदी बाइबल - OJB)

परमेश्वर कबीर (शक्तिशाली) है, किन्तु वह लोगों से घृणा नहीं करता है।

परमेश्वर कबीर (सामर्थी) है और विवेकपूर्ण है।

मांस खाना परमेश्वर का आदेश नहीं !

पवित्र बाईबल (उत्पत्ति ग्रन्थ 1:29)

प्रभु ने मनुष्यों के खाने के लिए जितने बीज वाले छोटे पेड़ तथा जितने पेड़ों में बीज वाले फल होते हैं वे भोजन के लिए प्रदान किए हैं, माँस खाना नहीं कहा है।


उत्पत्ति ग्रन्थ 1:28

परमेश्‍वर ने उन्‍हें यह आशिष दी, ‘फलो-फूलो और पृथ्‍वी को भर दो, और उसे अपने अधिकार में कर लो। समुद्र के जलचरों, आकाश के पक्षियों और भूमि के समस्‍त गतिमान जीव-जन्‍तुओं पर तुम्‍हारा अधिकार हो।’

परमात्मा ने मांस खाने का आदेश नहीं दिया।



हजरत ईसा मसीह की मृत्यु 30 वर्ष की आयु में हुई जो पूर्व ही निर्धारित थी। स्वयं ईसा जी ने कहा कि मेरी मृत्यु निकट है तथा तुम शिष्यों में से ही एक मुझे विरोधियों को पकड़वाएगा और वो मुझे मार देंगे। इससे सिद्ध है हज़रत ईसा जी ने कोई चमत्कार नहीं किया ये सब पहले से ही निर्धारित था।


यदि पूर्ण परमात्मा ईसा जी का रूप धारण करके प्रकट नहीं होते तब ईसा जी के पूर्व चमत्कारों को देखते हुए ईसा जी का अंत देखकर कोई भी व्यक्ति भक्ति साधना नहीं करता, नास्तिक हो जाते।
(प्रमाण पवित्र बाईबल में यूहन्ना 16: 4-15) ब्रह्म(काल) यही चाहता है।



पूर्ण परमात्मा ही भक्ति की आस्था बनाए रखने के लिए स्वयं प्रकट होता है। पूर्ण परमात्मा ने ही ईसा जी की मृत्यु के पश्चात् ईसा जी का रूप धारण करके प्रकट होकर ईसाईयों के विश्वास को प्रभु भक्ति पर दृढ़ रखा।




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05 June 2020

अविनाशी परमात्मा कबीर साहेब जी

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काशी में एक लहरतारा तालाब था। गंगा नदी का जल लहरों के द्वारा नीची पटरी के ऊपर से उछल कर एक सरोवर में आता था। इसलिए उस सरोवर का नाम लहरतारा पड़ा। उस तालाब में बड़े-2 कमल के फूल उगे हुए थे। नीरू-नीमा(नि:सन्तान दम्पत्ति थे) ज्येष्ठ मास की शुक्ल पूर्णमासी विक्रमी संवत् 1455 (सन् 1398) सोमवार को ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने के लिए गए हुए थे। वहां नीरू - नीमा को कमल कद फूल पर शिशु रूप में कबीर परमात्मा मिले थे।



कबीर साहेब प्रकट दिवस

विक्रमी संवत् 1455 (सन् 1398) ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा सुबह-सुबह ब्रह्ममुहूर्त में वह पूर्ण परमेश्वर कबीर (कविर्देव) जी स्वयं अपने मूल स्थान सतलोक से आए। काशी में लहरतारा तालाब में कमल के फूल पर एक बालक का रूप धारण किया।


कबीर साहेब प्रकट दिवस

जब कबीर परमेश्वर काशी में शिशु रूप में प्रकट हुए तब उनको देखकर कोई कह रहा था कि यह बालक तो कोई देवता का अवतार है। कोई कह रहा था यह तो साक्षात विष्णु जी ही आए लगते हैं। कोई कह रहा था यह भगवान शिव ही अपनी काशी को कृतार्थ करने को उत्पन्न हुए हैं।


काशी में जो भी बालक (कबीर परमात्मा) को देखता वही अन्य को बताता कि नूर अली को एक बालक तालाब पर मिला है आज ही उत्पन्न हुआ शिशु है। डर के मारे लोक लाज के कारण किसी विधवा ने डाला होगा। बालक को देखने के पश्चात् उसके चेहरे से दृष्टि हटाने को दिल नहीं करता, आत्मा अपने आप खिंची जाती है। पता नहीं बालक के मुख पर कैसा जादू है, पूरी काशी परमेश्वर के बालक रूप को देखने को उमड़ पड़ी। स्त्री-पुरूष झुण्ड के झुण्ड बना कर मंगल गान गाते हुए, नीरू के घर बच्चे को देखने को आए थे।



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03 June 2020

कबीरपरमेश्वर_का_अभ्दुतज्ञान

कबीरपरमेश्वर _का_अभ्दुतज्ञान


अद्भुत ज्ञान

कबीर परमेश्वर ने ही सतलोक के विषय में बताया कि ऊपर एक ऐसा लोक है जहां सर्व सुख है। वहां कोई कष्ट नहीं है। जिसकी गवाही संत गरीबदास जी ने दी है।
गरीब, संखो लहर महर की उपजै, कहर जहां न कोई।
दास गरीब अचल अविनाशी, सुख का सागर सोई।।

तीनो देवताओ की वास्तविकता

तीनों देवताओं (ब्रह्मा, विष्णु, महेश) की वास्तविक स्थिति से परिचित करवाते हुए परमात्मा कबीर जी ने कहा :-
तिनके सूत है तीनों देवा, आंधर जीव करत हैं सेवा।

काल कौन है कहा रहता है 


कबीर परमात्मा का तत्वज्ञान
काल कौन है, कहां रहता है, वह हमें कष्ट क्यों देता है, काल के सभी कार्यों के बारे में परमात्मा कबीर जी ने ही विस्तार से बताया है ।
सतलोक पृथ्वी लोक से कितनी दूरी पर स्थित है और वहां कैसे जाया जा सकता है। यह जानकारी कबीर परमात्मा जी ने ही दी है ।

तत्वज्ञान


कबीर साहेब ने ही हमें अवगत कराया कि हमें जन्म देने व मारने में काल (ब्रह्म) प्रभु का स्वार्थ है जोकि श्रीमद्भागवत गीता अध्याय 11 श्लोक 32 में कहता है कि मैं बढ़ा हुआ काल हूँ अर्जुन।

कबीर परमात्मा जी का बताया परम गूढ़ ज्ञान

कबीर परमात्मा ने अध्यात्म के बहुत से गूढ़ रहस्यों से पर्दा उठाते हुए बताया है कि भक्ति को जिंदा रखने के लिए मैंने ही द्रोपदी का चीर बढ़ाया था और मैंने ही हिरण्यकश्यप तथा कंस को मारा था।

ज्ञान का भंडार - कबीर परमात्मा

परमात्मा कबीर जी ने धर्मदास जी को बताया कि मैं अपनी प्यारी आत्माओं को काल के जाल से निकालने के लिए काल के इन 21 ब्रह्मांडों में घूमता रहता हूं और सत्य ज्ञान देकर व शास्त्रानुकूल साधना बताकर पार करता हूं।

अधिक जानकारी के लिए साधना चैनल देखिए शाम को 7.30 से 8.30 बजे तक। 

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बाँलिवुड से हानिया

बाँलिवुड से नुकसान  आज के जमाने मे बाँलिवुड का इतना कहर है कि जितना करोना वाईरस का भी नही है बाँलिवुड ने इतना लोगो को बिगाड रखा है जिस...